माइग्रेन के लिए आयुर्वेदिक दवा – Aayurvedic Medicine For Migraine

नमस्कार दोस्तों, Hindiinfo.in के इस के पोस्ट में आज मैं आपको बताऊगी माइग्रेन के लिए आयुर्वेदिक दवा – Aayurvedic Medicine For Migraine आइये जानते है।

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क्या आप भी बहुत बार माइग्रेन और सिरदर्द की बीमारी से परेशान होते है ,और इससे जुडी दवाओं को लेकर और भी अधिक परेशान हो गए है और क्या आप इस बीमारी से निजात पाना चाहते है ,अगर आप माइग्रेन या अधिक सर दर्द की समस्या को आयुर्वेदिक नुस्खों के माध्यम से निजात पाना चाहते है तो आपको मेरा यह पोस्ट पूरा पढ़ने की आवश्यकता होगी ताकि आप सभी लोग जो भी मेरे ब्लॉग को पढ़ते है ,तो इससे आप यह जान पाएंगे की आप आयुर्वेद के माध्यम से माइग्रेन को कैसे दूर कर पाएंगे।

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आयुर्वेद मे माइग्रेन को अर्धावभेदक कहा जाता है और अर्धावभेदक का अर्थ होता है आधे सिर मे दर्द होना , माइग्रेन से होने वाला दर्द बहुत ही पीड़ादायक होता है जो की सिर मे चुभने जैसा महसूस होता है और बहुत बार माइग्रेन का दर्द बहुत तेज़ और सिर मे अलग -अलग जगह होता है इससे और अधिक परेशानी होती है। माइग्रेन एक आम स्वास्थ्य समस्या बन गया है। माइग्रेन सिरदर्द का एक गंभीर रूप है और इसके लक्षण के अंतर्गत यदि देखा जाये तो इसमें अंधे धब्बे, मतली, उल्टी जैसी कई समस्याए होने लगती है। हेलो फ्रैंड्स कैसे है आप सभी उम्मीद करती हूँ की अच्छे ही होंगे तो आज के इस पोस्ट के अंतर्गत हम बात करेंगे की माइग्रेन के लिए आयुर्वेदिक दवा – Aayurvedic Medicine For Migraine की माइग्रेन की समस्या को दूर करने मे आयुर्वेद किस प्रकार से सहायक है और कितना अधिक लाभदायी और फायदेमन्द है तो आइये जानते है।

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माइग्रेन क्या है -What Is Migraine

माइग्रेन एक न्यूरोलॉजिकल समस्या है जो सिर मे इतना अधिक दर्द पैदा कर देती है जिसे एक बार के लिए सहन कर पाना मुश्किल हो जाता है। जब यह मस्तिष्क के तंत्रिका तंत्र में होता है तो यह माइग्रेन का कारण बनता है। माइग्रेन एक नियमित सिरदर्द की तरह नहीं है जो आपको थकने के बाद दिन के अंत में होता है बल्कि ये नियमित और दर्दनाक सिरदर्द होते हैं। बाहरी उत्तेजना जैसे अत्यधिक शोर, प्रकाश, तनाव यह सभी माइग्रेन दर्द को बढ़ाते है और इसी बजह से यह समस्या बढ़ती जाती और एक बड़ी बीमारी का रूप ले लेती है। माइग्रेन अटैक की सबसे बुरी बात यह है कि यह घंटों से लेकर दिनों तक बना रह सकता है।और अगर आप इससे बचना चाहते है तो इसका उपाय योग ,प्राणायाम ,आयुर्वेद और ध्यान ही है तो आइये जानते है इससे आप कैसे बच सकते है।

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माइग्रेन के लिए सर्वश्रेष्ठ आयुर्वेदिक दवाएं -Best Ayurvedic Medicines for Migraine

भारतीय प्राचीनतम ग्रंथो मे हर बीमारी का इलाज आयुर्वेद के माध्यम से बताया है और आयुर्वेद मे बताये गए हर बीमारी के इलाज सफल हुए है तो इसलिए आज हम माइग्रेन की बीमारी का इलाज भी हम आयुर्वेद की दवाओं के माध्यम से ही करेंगे। आयुर्वेद कई प्राकृतिक ऐसे तत्व को प्रदान करता है जो की न केवल दर्द को ही दूर करने मे सहायक है बल्कि यह इस बीमारी से भी निजात दिलाने मे सहयक है तो आइये जानते है माइग्रेन की समस्या को दूर करने के लिए आयुर्वेद मे क्या -क्या इलाज बताये गए है –

1 ) शिरोल्पा-तनाव के कारण होने वाले माइग्रेन और मानसिक थकावट को दूर करने के लिए शिरोल्पा को एक विशिष्ट और अत्यधिक प्रभावी माना गया है। यह एक विशेष टेक्निक है जो की कुछ जड़ी बूटियों को पेस्ट बनाने के लिए मिलाया जाता है और इसे फिर रोगी के सिर पर लगाया जाता है लेकिन हर्बल पेस्ट लगाने से पहले, सिर और शरीर पर एक औषधीय तेल लगाया जाता है और इस पेस्ट को भी सिर पर लगा दिया जाता है और इसे 1 घंटा रखा जाता है उसके पश्चात् गर्म पानी से स्नान करे ,ये हर्बल पेस्ट पित्त दोष को शांत करने में मदद करते हैं और इसी कारण आप अपने माइग्रेन से थोड़ा आराम पा सकते है।

2 ) माइग्रेन टेबलेट – कोट्टकल आयुर्वेद –माइग्रेन दूर करने वाली यह एक आयुर्वेदिक दवा है जो की माइग्रेन के दर्द को बहुत हद तक कम करने मे सहायक है। हर्बल तथा प्राकर्तिक अवयवों के मिश्रण से बनी यह दवा एंटी-इमेटिक, एनाल्जेसिक और वैसोरेलैक्सेंट है। यह माइग्रेन और सिरदर्द के लक्षणों को कम करने मे सहायक है। यह हर्बल दवा शारंगधारा संहिता में वर्णित पथिकक्षत्रादि क्वाथम पर आधारित है। इसके शीतलन गुण दर्द को कम करते हैं और तंत्रिका तंत्र को सवस्थ बनाये रखने मे सहायक है। यह दवा इंद्रियों को भी मजबूत करता है और तीनों दोषों वात ,पित और कफ को संतुलित करता है।

3 ) माइग्रेन टेबलेट – पंकजा कस्तूरी –माइग्रेन टैबलेट एक आयुर्वेदिक हर्बल टैबलेट है जो माइग्रेन और सिरदर्द में प्रभावी है। इस आयुर्वेदिक टैबलेट में ठंडा और शांत करने वाला प्रभाव होता है जो तुरंत राहत पहुंचाता है। यह माइग्रेन जैसे लक्षण, सिरदर्द, उल्टी या मतली के लक्षणों को कम करने में भी मदद करता है। यह प्राकृतिक वासोडिलेटेशन, और एनाल्जेसिक जैसे गुणों से समृद्ध है। इस टैबलेट के अद्भुत गुण माइग्रेन के सबसे पुराने दर्द को ठीक करने के लिए जाना जाता है।

4 ) कवला ग्रहा –यह एक बहुत शक्तिशाली बॉडीडेटॉक्स प्रभाव है, और इसके स्वास्थ्य लाभ व्हीटर दांत से लेकर माइग्रेन के सिरदर्द मे हो रही वृद्धि से राहत देता है। आयुर्वेद में माइग्रेन को ठीक करने के लिए कुछ मुख्य औशधीय तेलों की मालिश का सुझाव दिया जाता है।

5 ) डोलोग्रान टेबलेट -आयुरचेम – Dologran Tablet – Ayurchem –डोलोग्रान टेबलेट एक आयुर्वेदिक और प्राकर्तिक गुणों से भरपूर दवा है। यह पित्तादी, शिरसुलादी वज्र रस, गोदन्ती भस्म, और लगुशुतशेखर रस जैसे कुछ मुख्य अवयवों के साथ तैयार की गयी है जो की जो माइग्रेन से राहत देने में मदद करती है। यह उच्च रक्तचाप, माइग्रेन और नींद न आने के कारण होने वाले सिरदर्द में प्रभावी है। यह आयुर्वेदिक दवा तनाव और चिंता में भी प्रभावी है।

वैसे आयुर्वेद को बहुत कुछ माना गया है और आयुर्वेद सुरक्षित और हर्बल उपचार करने के लिए जाना जाता है जो इसकी जड़ों से विकारों को ठीक करता है। हालांकि, बेहतर प्रभावकारिता और सुरक्षा के लिए, हमेशा डॉक्टर के परामर्श के बाद आयुर्वेदिक योगों का उपयोग करे।

तो दोस्तों आज के इस पोस्ट के अंतर्गत मैंने आपको बताया की माइग्रेन के लिए आयुर्वेदिक दवा – Aayurvedic Medicine For Migraine तथा इससे सम्बंधित पूर्णरूप से जानकारी दी है किन्तु फिर भी अगर आपको इसमें कुछ नहीं समझ आता है या इससे रिलेटेड कुछ और डिटेल्स जानना चाहते है तो आप मुझे comment बॉक्स मे जरूर से कमेंट करिये मैं आपके सवालो के जवाब दूंगी और मेरे साथ जुड़े रहने के लिए मेरे , आज के इस पोस्ट को अपनी family और friends के साथ जरूर शेयर कीजिये, और उम्मीद करुँगी की आप मेरा पोस्ट जरूर पढ़ेंगे ।

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