नमस्कार दोस्तों, Hindiinfo.in के इस के पोस्ट में आज मैं आपको बताऊगी प्रेग्नेंनसी मे कॉन्स्टिपेशन ( कब्ज ) होने के कारण और उपाय – Constipation During Pregnancy in Hindi, आइये जानते है।
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गर्भावस्था में कब्ज (कॉन्स्टिपेशन)
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प्रेग्नेंनसी मे बहुत सी अलग -अलग परेशानियाँ होती है जैसे की ब्रेस्ट मे दर्द ,वोमेटिंग ,जी मिचलाना ,बुखार तो इन सब समस्याओ के साथ एक समस्या और है जो कब्ज की समस्या है जो गर्भवती महिलाओ की आँखो में आंसू ला देती है , प्रेग्नेंसी में कब्ज की समस्या लगभग सभी महिलाओं को हो जाती है तो इससे बहुत अधिक परेशान होने की जरुरत नहीं है। गर्भावस्था के समय होने वाली कब्ज की समस्या आम है। इसकी कई वजहें हैं, इसका समाधान खान-पान में बदलाव से हो सकता है। प्रेग्नेंनसी मे कब्ज होने की वजह से पेट साफ नहीं हो पाता और मल त्याग करने में परेशानी होती है। बेशक, गर्भावस्था में कब्ज होना सामान्य है, लेकिन इसका उपचार करना जरूरी हैं और इसलिए आज हम इसी के बारे मे डिटेल मे बात करने वाले है। प्रेग्नेंसी के दौरान किसी भी तरह की दिक्कत महसूस होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। और हां इसके बारे मे पूर्णरूप से जानकारी देने से पहले इसी टॉपिक से सम्बंधित कुछ बाते बताना चाहूंगी जैसे की –
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- प्रेग्नेंसी मे हॉर्मोन प्रोजेस्टीरोन, जो कि पाचन तंत्र से भोजन के गुजरने की प्रक्रिया को धीमा कर देता है और इससे पाचन क्रिया स्लो हो जाती है और कब्ज का कारण बनती है।
- गर्भावस्था की शुरुआत में मिचली के कारण आपके आहार में आए बदलाव के कारण भी यह समस्या हो सकती है।
- गर्भावस्था में आपके मलाशय (आपकी अंतड़ियों का अंतिम पड़ाव जहां मल एकत्रित होता है, जब तक वह बाहर निकलने के लिए तैयार न हो) पर बढ़ते गर्भ का दबाव इसलिए भी यह समस्या रहती है।
- यह सामान्य है, यानी चिंता का विषय नहीं है तो आइये अब जानते है इस विषय से सम्बंधित डिटेल मे जानकारी।
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प्रेग्नेंसी का एहसास हर महिला के लिए सबसे अहम पल माना जाता है। यदि आप एक महिला हैं तो आपको पता ही होगा की प्रेगनेंसी आपके जीवन में कितनी महत्वपूर्ण होती है, यही नहीं किसी पुरुष के लिए भी पिता बनना बहुत ही उत्साहपूर्ण होता है। एक औरत के लिए माँ बनना बहुत ही सौभाग्य की बात होती है,। हेलो फ्रेंड्स कैसे है आप सभी उम्मीद करती हूँ की अच्छे ही होंगे जैसा की आप सभी जानते ही है की मे अपने पोस्ट के अंतर्गत आपको आयुर्वेदिक प्रोडक्ट्स से सम्बंधित जानकारी देती हूँ उसी प्रकार से आज का मेरा टॉपिक थोड़ा डिफरेंट होगा किन्तु अच्छा होगा लेकिन उसके लिए आप सभी लोग जो मेरा पोस्ट पढ़ते है उन्हें मेरा यह पोस्ट पूरा पढ़ना होगा ,इससे आपको बहुत ही अच्छी और बहुत सारी जानकारी प्राप्त हो सकती है तो आइये जानते है प्रेग्नेंनसी मे कॉन्स्टिपेशन ( कब्ज ) होने के कारण और उपाय – Constipation During Pregnancy in Hindi की तो आज मे आपको प्रेग्नेंनसी मे कब्ज की समस्या क्यों होती है ? इस से जुड़ी सभी जानकारी देने वाली हूँ तो आइये जानते है।
गर्भावस्था के दौरान कब्ज क्या है? -What is constipation during pregnancy?
- कब्ज गर्भवती महिलाओं की एक आम शिकायत है।
- यह समस्या गर्भावस्था के दौरान किसी भी समय 65 % महिलाओं को प्रभावित करती है
- कब्ज की समस्या गर्भावस्था मे बहुत तकलीफ दायक हो सकती है ,जिससे बहुत सी महिलाओ को बहुत परेशानी होती है।
- प्रेग्नेंनसी मे अधिक कब्ज की समस्या बवासीर यानि की पाइल्स का रूप भी ले लेती है।
- गर्भावस्था के दौरान कब्ज लक्षण जैसे की –
- कम मल त्याग
- पेट में दर्द
- कठोर, ढेलेदार या सूखा मल
- ऐसा महसूस होना कि आपका पूरा स्टूल पास नहीं हुआ है
- मल त्याग करने के लिए अत्यधिक तनाव
- गर्भावस्था के दौरान यह सभी लक्षण है जिससे कब्ज का पता चलता है।
क्या गर्भावस्था में कब्ज की समस्या आम है?
प्रेगनेंसी के दौरान कब्ज किसी को भी हो सकती है। करीब 11-33 प्रतिशत गर्भवती महिलाओं को इसका सामना करना पड़ता है । यह तब तक चिंता का कारण नहीं है, जब तक कि यह गंभीर न हो जाए। इसलिए, गर्भवती महिला को कब्ज जैसी समस्या को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान करना चाहिए।
गर्भावस्था में कब्ज की समस्या कब होती है?
जैसा की मैंने इस पोस्ट के शुरआत मे ही आपको बताया की गर्भावस्था में कब्ज की समस्या शरीर में जैसे ही प्रोजेस्ट्रोन हार्मोन का स्तर अधिक होता है, कब्ज की समस्या शुरू हो जाती है। ऐसा दूसरे या तीसरे महीने में होता है। फिर जैसे-जैसे गर्भाशय का आकार बढ़ता है, कब्ज की समस्या भी बढ़ने लगती है और इसके मुख्य क्या कारण आइये जानते है।
गर्भावस्था ( Pregnancy ) में कब्ज ( Constipation ) होने के कारण -Causes of Constipation During Pregnancy in Hindi
गर्भावस्था ( Pregnancy ) में कुछ निम्न कारणों की वजह से कब्ज हो सकती है जैसे की –

1 ) हार्मोनल बदलाव – गर्भावस्था के दौरान कब्ज का सबसे अहम कारण प्रोजेस्ट्रोन हार्मोन का बढ़ना है। प्रेग्नेंसी मे हॉर्मोन की वजह से बहुत से बदलाव आते है। प्रोजेस्टेरॉन पाचन तंत्र को गड़बड़ा देता है जिससे पाचन क्रिया सही से नहीं हो पाती है और कब्ज की समस्या हो जाती है। प्रेग्नेंसी के दौरान जी मिचलाने की वजह से अक्सर महिलाएं खाने से परहेज करने लगती हैं यह भी कब्ज को जन्म देता है।
2 ) प्रेग्नेंनसी टेबलेट – प्रग्नेंसी के समय दी जाने वाली आयरन की गोलियां खून की कमी से तो बचाती हैं लेकिन इनका एक साइड इफेक्ट कब्ज के रूप में सामने आता है। लेकिन कब्ज से बचने के लिए आयरन की गोलियां खाना बंद मत कर दीजिएगा आप अपने डॉक्टर से सलाह लीजिये।
3 ) फाइबर की कमी –गर गर्भवती महिला अपने भोजन में फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों को शामिल नहीं करती है, तो कब्ज हो सकती है। फाइबर पाचन तंत्र को बेहतर तरीके से काम करने में मदद करता है।
4 ) पानी की कमी : गर्भावस्था में पानी का कम सेवन करना भी कब्ज के मुख्य कारणों में से एक है। अगर शरीर की आवश्यकता के अनुसार प्रतिदिन पानी नहीं पिया जा रहा है, तो कब्ज की समस्या हो सकती है। प्रतिदिन कम मात्रा में पानी पीने से भी कब्ज हो सकती है। साथ ही पहली तिमाही में मॉर्निंग सिकनेस के कारण भी डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है, जो कब्ज का कारण बनती है।
5 ) शारीरिक काम करना –प्रेगनेंसी के समय शारीरिक गतिविधि की कमी से भी कब्ज की समस्या हो सकती है। बेशक, गर्भावस्था में महिला के स्वभाव में बदलाव होता है और कई बार थकान भी महसूस होती है, लेकिन रोज कुछ देर की सैर भी जरूरी है। इससे खाना हजम होता है और पेट आराम से साफ हो जाता है। अगर डॉक्टर ने आपको पूरी तरह से बेड रेस्ट के लिए बोला है, तो बात अलग है।
6 ) आंतों के मार्ग में रुकावट – गर्भावस्था के दौरान आंतों में रुकावट आ सकती है, जिससे कब्ज की समस्या हो सकती है। इस बारे में दूसरी या तीसरी तिमाही में पता चल पाता है। इस दौरान उल्टियां होने के साथ-साथ पेट में दर्द और कब्ज की शिकायत भी हो सकती है।
7 ) इर्रिटेबल बॉउल सिंड्रोम – गर्भावस्था के समय आंत संबंधी समस्या भी कब्ज का कारण हो सकती है, जिसमें इर्रिटेबल बॉवल सिंड्रोम शामिल है। यह एक तरह का विकार होता है, जिसमें बड़ी आंत प्रभावित होती है और कब्ज का सामना करना पड़ता है।
प्रेग्नेंसी में कब्ज से बचने के लिए कुछ निम्न उपाय है –
1 ) अधिक से अधिक फाइबरयुक्त चीजों का सेवन करें. इसके लिए साबुत अनाज, संतरा-मौसमी जैसे रेशेदार फल, अमरूद, गाजर सेब, केला, स्ट्रॉबेरी, अंजीर, स्वीट कॉर्न और फूलगोभी वगैरह को अपनी डाइट में शामिल करें।
2 ) फाइबर की मात्रा धीरे-धीरे अपने आहार में बढ़ाएं. एकसाथ ज्यादा लेने से पेट में मरोड़ की समस्या हो सकती है. एक बार में भोजन करने की बजाय थोड़ा-थोड़ा करके दिनभर में खाएं. इसके अलावा जब भी ऐसा आहार लें तो पानी पर्याप्त मात्रा में पिएं।
3 ) फाइबर वाली सब्जियां, सलाद, फल खाइए। मैदा जैसे उत्पादों, मैगी और दूसरे नूडल्स वगैरह से बचें। खूब पानी पिएं, कम से दिन में दस से बारह गिलास। अगर इतना पानी न पी सकें तो फ्रूट जूस, दूध, मट्ठा, नीबू पानी और नारियल पानी पी सकते हैं।
4 ) फिजिकल एक्टिविटी बढ़ाएं. डॉक्टर द्वारा निर्देशित एक्सरसाइज और योग करें. सुबह व शाम कुछ देर टहले।
गर्भावस्था में कब्ज (कॉन्स्टिपेशन) के निम्न साइड इफ़ेक्ट – Side Effects Of Constipation During Pregnancy in Hindi
गर्भावस्था में कब्ज के नुकसान भी हो सकते हैं। इसी वजह से कहा जाता है कि प्रेगनेंसी में अगर अधिक कब्ज है तो डॉक्टर से अवश्य परामर्श करे –
- प्रेग्नेंनसी मे कब्ज की वजह से कई प्रकार की गंभीर समस्याएं हो सकती है जैसे फेकल इम्पेक्शन यह एक ऐसी स्थिति है , जब मलाशय में मल बुरी तरह से फंस जाता है।
- दैनिक जीवन पर नकारात्मक प्रभाव, जैसे पेट दर्द होना, मलाशय में दर्द होना आदि।
- बवासीर (पाईल्स, हैमेरॉइड्स), जो कि आपकी गुदा और पीछे के मार्ग के आसपास की नसों का बढ़ना या उनमें सूजन होना होता है। इनमें पीड़ा, खुजलाहट और असहजता हो सकती है। इनमें से खून भी आ सकता है।
- बवासीर की समस्या हो सकती है।
- मलद्वार से रक्त का निकलना।
गर्भावस्था में कब्ज की रोकथाम के लिए निम्न आहार –
गर्भावस्था में कब्ज होने पर आप इन खाद्य पदार्थों का सेवन कर अपनी इस समस्या से निजात पा सकते है तो आइये जानते है वे खाद्य पदार्थ कौनसे-कौनसे है –


गर्भावस्था में कब्ज दूर करने के घरेलू उपचार -Home Remedies for Constipation During Pregnancy in Hindi
गर्भावस्था में कब्ज दूर करने के कुछ घरेलु उपचार निम्न है आइये जानते है –
1 ) नींबू – नींबू में सिट्रिक एसिड होता है, जिस कारण पाचन तंत्र अच्छे से काम कर पाता है और मल त्याग में आसानी होती है ,इसकी मदद से भोजन को हजम करना आसान हो जाता है।अगर आप गर्म पानी में नींबू के रस को मिलाकर सेवन करते हैं, तो आपको कब्ज से जल्द आराम मिल सकता है।
2 ) पानी – शरीर में पानी की कमी होने पर भी कब्ज की समस्या हो सकती है। इसलिए, प्रतिदिन पर्याप्त पानी पीना जरूरी है। पानी से खाना अच्छी तरह से हजम हो जाता और मल त्याग करने में भी परेशानी नहीं होती है।
3 ) संतरा –गर्भावस्था में संतरे का सेवन सुरक्षित माना गया है । संतरा में फाइबर की मात्रा भरपूर होती है, जिसे कब्ज के लिए फायदेमंद माना जाता है। यही वजह है कि गर्भावस्था में कब्ज के घरेलू इलाज में संतरे का इस्तेमाल किया जा सकता है ।
4 ) सेब – फलों में पानी, सोर्बिटोल, फ्रुक्टोज, फाइबर और फाइटोकेमिकल्स होते हैं, जिस वजह से इन्हें कब्ज के इलाज के लिए उपयोगी माना जाता है। यही वजह है कि सेब को भी कब्ज के इलाज के लिए उपयोगी माना गया है। छिलके के साथ सेब में अधिक फाइबर पाया जाता है, जो कब्ज से राहत दिलाने में मदद कर सकता है । इसे गर्भावस्था में भी बिना किसी डर के खाया जा सकता है।
5 ) योगर्ट ( दही )- इसे प्रोबायोटिक्स का अच्छा स्रोत माना गया है। यह भोजन को हजम करने में मदद करता है।
प्रेग्नेंनसी मे कॉन्स्टिपेशन ( कब्ज ) होने के कारण और उपाय के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न -Frequently asked Questions about Constipation During Pregnancy in Hindi
1 ) गर्भावस्था के दौरान तत्काल कब्ज राहत?
- किशमिश को भिगो कर उसका पानी पिएँ।
- सिट्रिक (खट्टे) फल ज़रूर खाएं।
- नारियल तेल को भोजन में शामिल करें।
- सेंधे नमक का प्रयोग करें।
2 ) प्रेगनेंसी में पेट साफ क्यों नहीं होता?
इसकी कई वजह हो सकती हैं. दरअसल गर्भावस्था में प्रोजेस्टेरोन हार्मोन बढ़ने की वजह से आंतें शिथिल हो जाती हैं. आंतों के धीरे काम करने से पाचन तंत्र से भोजन के गुजरने की प्रक्रिया भी धीमी हो जाती है. इसकी वजह से कब्ज की समस्या होती है।
3 ) प्रेगनेंसी में पेट साफ कैसे करें?
- नींबू- पाचन के लिए नींबू काफी फायदेमंद होता है।
- पानी पीएं- पानी पेट में मौजूद मल को मुलायम करता है जिससे कब्ज नहीं होती है इसलिए दिनभर में पर्याप्त मात्रा में पानी पीएं।
- अलसी के बीज- अलसी के बीजों में फाइबर होता है इसलिए इनका सेवन करने से कब्ज की समस्या पैदा नहीं होती है।
4 ) गर्भावस्था में कब्ज की समस्या के लिए कौन सी दवाओं का सेवन सुरक्षित है?
गर्भावस्था में कब्ज होने पर डॉक्टर आमतौर पर लैक्सेटिव से बचने की सलाह देते हैं। इसकी जगह मल को मुलायम करने के लिए ऐसे खाद्य पदार्थ खाने की सलाह दी जाती है, जिसमें फाइबर हो। दवा के रूप में डॉक्टर लैक्सेटिव और स्टूल सॉफ्टनर का प्रयोग करने की सलाह दे सकते हैं किन्तु अगर आप किसी भी दवा का उपयोग करते है तो कृपया अपने डॉक्टर की अवश्य सलाह ले।
विशेष नोट – गर्भावस्था के दौरान कब्ज की समस्या नार्मल है , जिससे हर गर्भवती को गुजरना पड़ता है किन्तु इससे राहत पाने के लिए इस पोस्ट मे मैंने आपको कुछ उपाय भी बताये है आशा करती हूँ की आपको इन उपाय के माध्यम से थोड़ा आराम मिल सके ,तो आप उन्हें अपनाये जिससे आपको थोड़ा रिलैक्स फील होगा कित्नु आप किसी भी चीज़ को फॉलो करने से पहले अपने डॉक्टर से अवश्य परामर्श करे ,तथा इस वेबसाइट पर बताये गए किसी भी प्रोडक्ट्स का इस्तमाल अपने डॉक्टर की सलाह के बाद ही करे।
तो दोस्तों आज के इस पोस्ट के अंतर्गत मैंने आपको बताया की प्रेग्नेंनसी मे कॉन्स्टिपेशन ( कब्ज ) होने के कारण और उपाय -Constipation During Pregnancy in Hindi तथा इससे सम्बंधित पूर्णरूप से जानकारी दी है किन्तु फिर भी अगर आपको इसमें कुछ नहीं समझ आता है या इससे रिलेटेड कुछ और डिटेल्स जानना चाहते है तो आप मुझे comment बॉक्स मे जरूर से कमेंट करिये मैं आपके सवालो के जवाब दूंगी और मेरे साथ जुड़े रहने के लिए मेरे , आज के इस पोस्ट को अपनी family और friends के साथ जरूर शेयर कीजिये, और उम्मीद करुँगी की आप मेरा पोस्ट जरूर पढ़ेंगे।