नमस्कार दोस्तों, Hindiinfo.in के इस के पोस्ट में आज मैं आपको बताऊगी प्रेगनेंसी में मेडिटेशन के फायदे तथा नुकसान – pregnancy me meditation kaise kare in Hindi आइये जानते है।
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Toggle Table of Contentप्रेगनेंसी में मेडिटेशन- Meditation During Pregnancy In Hindi ( Meditation and pregnancy )
प्रेग्नेंनसी का 9 महीने का इतना लम्बा सफर आसान नहीं होता ,इसमें हर महिला के शरीर मे बहुत से अलग -अलग बदलाव आते है और कई सारी समस्याओ का सामना करना होता है। गर्भावस्था हर महिला के जीवन एक में रोमांचक समय होता है ,जिसमे कभी -कभी थोड़ी परेशानियाँ भी आती है और गर्भवती महिलाओ की बॉडी मे बहुत ही तेज़ी से अलग -अलग बदलाव आते है। गर्भावस्था में महिला को काफी तनाव का भी सामना करना पड़ सकता है. यह तनाव गर्भ में पल रहे शिशु के लिए खतरनाक हो सकता है. इसलिए प्रेग्नेंसी में मेडिटेशन करने की सलाह दी जाती है जिससे माँ और शिशु दोनों को ही शारीरिक और मानसिक तौर पर अधिक समस्या का सामना ना करना पड़े। प्रेगनेंसी में मेडिटेशन के बारे मे पूर्णरूप से जानकरी देने से पहले आपको यह बताना चाहूंगी की मेडिटेशन क्या है और इसे किस समय मे करना चाहिए।
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मेडिटेशन क्या है ?
मेडिटेशन (ध्यान) एक ऐसी तकनीक है, जिसकी मदद से मन को शांत रखने के साथ ही मानसिक तनाव से बचा जा सकता है। मेडिटेशन हर व्यक्ति के लिए फायदेमंद होता है लेकिन गर्भावस्था के दौरान इसे करने से प्रेग्नेंट महिलाओं को बहुत से लाभ मिल सकते हैं। मेडिटेशन हर व्यक्ति को मन की शांति प्रदान करता है और गर्भवती महिलाओ को यह मन की शांति के साथ उन्हें होने वाली शारीरिक परेशानियों से बचाने मे सहायक है।
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प्रेग्नेंसी का एहसास हर महिला के लिए सबसे अहम पल माना जाता है। यदि आप एक महिला हैं तो आपको पता ही होगा की प्रेगनेंसी आपके जीवन में कितनी महत्वपूर्ण होती है, यही नहीं किसी पुरुष के लिए भी पिता बनना बहुत ही उत्साहपूर्ण होता है। एक औरत के लिए माँ बनना बहुत ही सौभाग्य की बात होती है,। हेलो फ्रेंड्स कैसे है आप सभी उम्मीद करती हूँ की अच्छे ही होंगे जैसा की आप सभी जानते ही है की मे अपने पोस्ट के अंतर्गत आपको आयुर्वेदिक प्रोडक्ट्स से सम्बंधित जानकारी देती हूँ उसी प्रकार से आज का मेरा टॉपिक थोड़ा डिफरेंट होगा किन्तु अच्छा होगा लेकिन उसके लिए आप सभी लोग जो मेरा पोस्ट पढ़ते है उन्हें मेरा यह पोस्ट पूरा पढ़ना होगा ,इससे आपको बहुत ही अच्छी और बहुत सारी जानकारी प्राप्त हो सकती है तो आइये जानते है की प्रेगनेंसी में मैडिटेशन के फायदे तथा नुकसान – pregnancy me meditation kaise kare in Hindi तो आज मे आपको प्रेग्नेंनसी मे मैडिटेशन के क्या फायदे है इस से जुड़ी सभी जानकारी देने वाली हूँ तो आइये जानते है।
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मेडिटेशन करने का सही समय –
- गर्भवती महिलाएं मेडिटेशन सूर्योदय और सूर्यास्त दोनों समय कर सकती हैं। मगर इस बात का ध्यान रखें कि आप जहां भी यह मेडिटेशन करें वहां का वातावरण शांत हो।
मेडिटेशन करने का सही तरीका क्या है ?
- सबसे पहले आपको आरामदायक जगह ढूंढनी चाहिए. जहां पर आप आसानी से ध्यान लगा सकें. यह जगह शांत, सामान्य तापमान और कम रोशनी वाली होनी चाहिए. आप सुबह के समय घर के बाहर, पार्क, गार्डन या छत पर ध्यान लगा सकती हैं.
- ध्यान लगाने के लिए एकांत और आरामदायक स्थान पर बैठें। गर्भवती महिलाओं को मेडिटेशन बैठकर ही करना चाहिए। ध्यान की मुद्रा में बैठकर आप 10 बार गहरी और लंबी सांस भरें और छोड़ें।
- मेडिटेशन करने के लिए आपको सांस पर काबू पाना होता है. सबसे पहले आप आंखों को बंद करके अपने ध्यान को कंट्रोल करने की कोशिश करें और फिर गहरी और लंबी सांस लेना शुरू करें. धीरे-धीरे अपने शरीर को रिलैक्स करें।
- डीप ब्रीदिंग मेडिटेशन –अपनी सांस पर ध्यान केंद्रित करते हुए गहरी सांस लें। ऐसा 10 से 15 मिनट कर सकते हैं। इस तरह का ध्यान दिन में दो-तीन बार किया जा सकता है।
- संगीत या मंत्र मेडिटेशन –म्यूजिक प्लेयर, फोन या कंप्यूटर पर किसी मनचाहे मंत्र या शांत करने वाले संगीत को चलाकर उस पर ध्यान केंद्रित करें।
- योग निद्रा – बिस्तर पर आरामदेह स्थिति में लेट जाएं। प्रेग्नेंसी है इसलिए बायीं करवट लेटें और शरीर को ढीला छोड़ दें। इसके बाद अपनी आती-जाती सांस पर ध्यान केंद्रित करते हुए गहरी नींद में चले जाएं। इससे अनिद्रा की समस्या में लाभ होता है।
- आप ध्यान करते समय ‘ओम’ का उच्चारण करें और इसे उत्पन्न हुई तरंगों को महसूस करें ,इससे आपके दिमाग को बहुत अधिक आराम मिलेगा।
- सिर्फ एक दिन मेडिटेशन करने से लाभ नहीं मिलेगा. क्योंकि, शुरुआत में आप पूर्णरूप से एकाग्र होकर ध्यान नहीं लगा पाएंगे ,आपके मस्तिष्क मे अलग -अलग विचार पैदा होंगे ,इसलिए इसे नियमित रूटीन मे बनाये रखे ,इससे आप धीरे -धीरे अपने मन और मस्तिष्क को एकाग्र भी कर पाएंगे और मन को भी शांति मिलेगी।
- आपको गर्भावस्था मे इससे किसी भी तरह की परेशानी महसूस हो तो आप अपने डॉक्टर से अवश्य परामर्श करे।
प्रेगनेंसी के दौरान मेडिटेशन करने के फायदे –
प्रेग्नेंसी के दौरान ध्यान करने से तनाव दूर होता है। जी मिचलाने जैसी समस्या पर कुछ हद तक काबू पाया जा सकता है। निराशा और एंग्जाइटी जैसी भावनाओं पर नियंत्रण पाया जा सकता है। ध्यान के दौरान ली जाने वाली गहरी सांसों से पल रहे बच्चों को भी पर्याप्त ऑक्सिजन मिलती है जिससे उसका स्वस्थ विकास होता है तो आइये जानते है प्रेगनेंसी के दौरान मेडिटेशन करने के अन्य क्या -क्या फायदे है –

1 ) अनिद्रा की समस्या दूर करने मे सहायक
प्रेग्नेंसी के दौरान ज्यादातर महिलाओं को नींद न आने की समस्या से जूझना पड़ता है। मेडीटेशन के लाभ में गर्भावस्था के समय नींद में सुधार होना भी शामिल है। अगर आप गर्भावस्था के दौरान अच्छी नींद पाना चाहती हैं तो मेडिटेशन करने की आदत डालें। योग करने व ध्यान लगाने से गर्भावस्था की दूसरी तिमाही में नींद न आने की समस्या कम हो सकती है। साथ ही नींद की गुणवत्ता भी बेहतर होती है।
2 ) तनाव को कम करने मे सहायक
कई बार प्रैग्नेंसी के दौरान महिलाएं तनाव का शिकार हो जाती है। हालांकि ऐसा उनके शरीर में होने वाले हॉर्मोनल बदलाव के कारण होता है। ऐसे में रोजाना यह आसान करने से तनाव, गुस्सा और अवसाद दूर होता है। इसके अलावा इसके नियमित अभ्यास से मन और मस्तिष्क को शांति मिलती हैं। ध्यान लगाने से मानसिक स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है, जिससे चिंता और तनाव की समस्या को कम करने में मदद मिल सकती है।
3 ) इम्यूनिटी बढ़ाने मे सहायक
गर्भवती महिलाओं में इंफेक्शन होने का खतरा अधिक होता है। प्रेग्नेंसी के दौरान मेडिटेशन करने से उनकी इम्यूनिटी बढ़ सकती है। इससे लाभ ये होता है कि इस दौरान कई बीमारियां उनसे दूर रहेंगी जिससे किसी भी तरह से होने वाले बच्चे के स्वास्थ पर बुरा प्रभाव पड़ने की संभावना भी बेहद कम हो जाती है।
4 ) डिलीवरी पैन ( प्रसव पीड़ा ) कम करने मे सहायक
मेडिटेशन प्रसव के दर्द को कम करता है क्योंकि मेडिटेशन करने से शरीर को उचित आराम मिल पाता है।
5 ) एंग्जाइटी दूर करने मे सहायक
ज्यादातर महिलाएं प्रेग्नेंसी के दौरान एंग्जाइटी महसूस करती है। बेचैनी को मेडिटेशन की मदद से कम किया जा सकता है। जब आपका दिमाग सकारात्मक विचारों ( अच्छे विचारो ) पर केंद्रित होने लगता है, तो बेचैनी धीरे-धीरे खत्म हो जाती है।
6 ) मेडिटेशन हाइपरटेंशन की समस्या को कम करने मे सहायक
अगर आपको हाइपरटेंशन यानि हाई ब्लड प्रैशर की शिकायत है तो मेडिटेशन आपके लिए फायदेमंद है क्योंकि यह ब्लड प्रैशर को कंट्रोल करता है।
7 ) माइग्रेन या सिरदर्द कम करने मे सहायक
जिन गर्भवती महिलाओं को माइग्रेन की समस्या हो उन्हें यह ध्यान जरूर करना चाहिए। मेडिटेशन से मामूली सिरदर्द की शिकायत भी दूर रहती है।
8 ) प्री मैच्योर डिलिवरी का खतरा कम हो जाता है
कई बार प्रैग्नेंसी में कॉम्पलिकेशन होने के कारण बच्चे का जन्म समय से पहले ही हो जाता है लेकिन रोजाना मेडिटेशन करने से प्री मैच्योर डिलीवरी की संभावना भी कम हो जाती है। मेडिटेशन से गर्भवती महिलाओं को फुल टर्म प्रेग्नेंसी का आनंद मिलता है। मेडिटेशन शरीर से तनाव को कम करने में मदद करता है और समय से पहले बच्चे के जन्म की संभावनाओं को कम करता है। यह शरीर के वजन को भी स्वस्थ रखता है।
गर्भावस्था में मेडिटेशन करने के नुकसान –
वैसे तो प्रेगनेंसी के दौरान मेडिटेशन करना सुरक्षित होता है किन्तु कभी -कभी कुछ परेशानियाँ या इसके नकारात्मक प्रभाव भी देखे जा सकते है तो आइये जानते है की गर्भावस्था में मेडिटेशन करने के नुकसान क्या हो सकते है –
- अधिक नींद आना
- ध्यान करते समय कुछ चीजें देखने या सुनने का वहम होना
- भूख कम लगना
- मन मे अलग प्रकार की स्तिथि पैदा होना।
- अगर गर्भावस्था मे आपको मेडिटेशन करने से इस तरह की कोई भी परेशानी लगे तो अपने डॉक्टर से अवश्य सम्पर्क करे
प्रेगनेंसी में मैडिटेशन के फायदे तथा नुकसान के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न -Frequently asked Questions about pregnancy me meditation kaise kare in Hindi
1 ) गर्भावस्था के दौरान कितनी देर तक ध्यान पर बैठना चाहिए ?
प्रेगनेंसी के दौरान शुरुआत में 10 से 20 मिनट तक ध्यान बैठ सकते हैं। धीरे-धीरे इस वक्त को बढ़ाया जा सकता है। हां, अगर घुटनों में बैठते हुए दर्द महसूस होने लगे, तो ध्यान के समय को कम कर दें या फिर गर्भवती महिला अपने पैरों को मोड़ने की जगह फैलाकर भी ध्यान कर सकती हैं।
2 ) मैं गर्भावस्था के दौरान ध्यान कैसे कर सकती हूं?
गर्भावस्था में ध्यान करने का सही तरीका के लिए अपनी सामान्य श्वास को धीमा करें, और लंबी गहरी सांसों ले ,और अब कुछ सेकंड सांस रोककर धीरे -धीरे साँस को वापस बाहर की और छोड़े।
3 ) क्या गर्भावस्था के दौरान मेडिटेशन करना ठीक है?
मेडिटेशन गर्भावस्था के दौरान विभिन्न प्रकार के शारीरिक और भावनात्मक तनावों से निपटने में मदद कर सकता है, जिससे आप काफी रिलैक्स महसूस करेंगे। गर्भावस्था के दौरान मेडिटेशन से तनाव कम कर सकते हैं, अपना रक्तचाप कम कर सकते हैं और अपने मन की शांति को बढ़ा सकते हैं। यह गर्भावस्था के दौरान चिंता या अवसाद के इलाज में भी उपयोगी हो सकता है।
4 ) क्या प्रेगनेंसी के दौरान मेडिटेशन करना लेबर के लिए सहायक होता है?
जी हां, प्रेगनेंसी के समय ध्यान लगाना प्रसव यानी लेबर के लिए सहायक साबित हो सकता है। दरअसल, मेडिटेशन को लेबर पेन यानी प्रसव पीड़ा को कम करने के लिए जाना जाता है।
5 ) मैं गर्भावस्था के दौरान अपने को डाइवर्ट कैसे कर सकती हूँ ?
- हर दिन अपने लिए समय निकालें।
- किसी ऐसे व्यक्ति से बात करें जिस पर आपको भरोसा हो।
- अच्छी किताबे पढ़े।
- भगवान की पूजा करे।
- अच्छी चीज़े सुने।
विशेष नोट – गर्भावस्था के समय दिन की शुरुआत कुछ मिनट का ध्यान लगाने से की जाए, तो पूरे दिन मूड अच्छा और मन शांत रह सकता है। इससे गर्भवास्था के समय होने वाले स्ट्रेस और चिंता से बचने में काफी मदद मिल सकती है और प्रेग्नेंसी में किसी भी नुस्खे का इस्तेमाल करने से पहले गायनेकोलॉजिस्ट से सलाह जरूर लें। आप किसी भी चीज़ को फॉलो करने से पहले अपने डॉक्टर से अवश्य परामर्श करे ,तथा इस वेबसाइट पर बताये गए किसी भी प्रोडक्ट्स का इस्तमाल अपने डॉक्टर की सलाह के बाद ही करे।
तो दोस्तों आज के इस पोस्ट के अंतर्गत मैंने आपको बताया की प्रेगनेंसी में मैडिटेशन के फायदे तथा नुकसान – pregnancy me meditation kaise kare in Hindi तथा इससे सम्बंधित पूर्णरूप से जानकारी दी है किन्तु फिर भी अगर आपको इसमें कुछ नहीं समझ आता है या इससे रिलेटेड कुछ और डिटेल्स जानना चाहते है तो आप मुझे comment बॉक्स मे जरूर से कमेंट करिये मैं आपके सवालो के जवाब दूंगी और मेरे साथ जुड़े रहने के लिए मेरे , आज के इस पोस्ट को अपनी family और friends के साथ जरूर शेयर कीजिये, और उम्मीद करुँगी की आप मेरा पोस्ट जरूर पढ़ेंगे।